बुधवार, 18 अप्रैल 2018

नाभि को बार बार चेक करते से डिप्रेशन तथा तनाव और ही बढ़ जाता है । चेक के बजाय प्राणायाम करें ।



ज़्यादातर लोग जो नाभि से परेशान होतें हैं, उन्मे एक बहुत बुरी आदत जन्म ले लेती है। वो है नाभि को बार बार चेक करने की आदत।
वो सभी दिन में हज़ारों बार अपनी उँगली को अपनी नाभि पर रख कर यही चेक करते रहते है।
उनके सिर में दर्द हुआ या acidity हुई या पेट में थोड़ा गैस बन गयी तो उनका हाथ नाभि पर पहुँच जाता है और टटोलने लगतें हैं , ऐसा लगता है कि मानो कि नाभि कहीं भाग गयी हो,
मैं अपने सभी नाभि के रोगियों या जिनको नाभि से सम्बंधित कोई समस्या नहीं भी है, उन सभी लोगों को बताना चाहता हूँ कि नाभि समय समय पर सब की टलती,
पर वह समय पर जाती है। जिसको भी वायु है उसकी नाभि दिन मे कई बार तलती है
यदि इस पर हमेशा चेक करते रहेंगे तो ये मानसिक रोग पैदा कर देता है
इस आदत को ख़त्म करें अन्यथा मानसिक रोग से ज़्यादा पीड़ित हो जाएँगे और जैसा कि जितने नाभि रोगी है उन्मे से 70 फ़ीसदी लोग। फिर हमें मानसिक इलाज की ज़्यादा ज़रूरत पड़ेगी बजाय कि नाभि के इलाज के।
इस आदत को ख़त्म करने के लिए क्या करना चाहिए, इस आदत को समाप्त करने के लिए केवल एक ही उपाय है, एक दूसरी आदत कानिर्माण कर लो जो नाभि के पास ऊर्जा बढ़ा दे  
वो है Abdominal Breathing , 
abdominal एक ऐसी प्राणायाम जो वात और कफ़ को संतुलित कर देती है। और जब वात और पित्त संतुलित होने लगते है तो आप ऊर्जावान महसूश करते हैं इसके बाद आपकी नाभि को बार बार चेक करने की आदत भी समाप्त हो जाएगी। 




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