सोमवार, 4 अगस्त 2014

Kabir

धीरे-धीरे रे मना, धीरे सब कुछ होय । 
माली सींचे सौ घड़ा, ॠतु आए फल होय ॥

मन का अभ्यास धीरे धीरे ही संभव है, धीरे धीरे का अर्थ पूरे जीवन से है. नियमित अभ्यास ही हमारा स्वभाव बन जानना चाहिए. 

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