गुरुवार, 11 जून 2009

योगी बहता है !

"योगी बहता है , भोगी भी बहता है, सिर्फ़ बहता वो नही जो गृहस्थ है। गंगा की धारा बहती है, बाढ़ की धारा भी बहती है, सिर्फ़ वो जो बहता नही वो है कुँए की धारा।"
योगी बहता (घुमक्कड़ )है तो स्वयं को तथा जनमानस को लाभ पहुंचाता है । भोगी घूमता है तो दूसरों को नुकसान तथा अंततः स्वयं का भी नुकसान करता है।

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