गुरुवार, 12 फ़रवरी 2009

अनुभव

आज का ध्यान दिन बहुत अच्छा है
  • ध्यान करने के बाद शरीर को लगभग छोड़ चुका था
  • क्रिया योग जब मैंने किया अपने रीड के अंदर तब शुन्यतम अवस्था में पहुँच गया
  • हार्ट बीट बहुत कम हो चुकी थी , लगभग ३०शरीर में ठण्ड बढ़ रही थी, मुझे लगा की शरीर छूट जायेगी
  • शरीर में भार उस समय विल्कुल अनुभव नही हो रहा था
  • मै अंतरतम में चला ही जा रहा था
  • पर दुर्भाग्य वश एक विचार मन में आया और वापस मै वापस संसार में लौट या
  • जीवन में कुछ भी नही है , की जब अनुभूति हो जाय तब मन का डिगना आसानी से सम्भव नही

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